दोस्तों सोशल मीडिया पर इस वक्त केजरीवाल काफी ट्रोल हो रहे है | दिल्ली से इतनी भारी संख्या मैं मजदूरों के पलायन से लोग काफी नाराज़ दिख रहे है | पुरे भारत मैं 21 दिनों का लॉक डाउन चालू है | और इस बीच मज़दूर लोग काफी दुखी है और अपने घर जाने के लिए पैदल ही सेकड़ो किलोमीटर का रास्ता तय कर रहे है | तो इस बीच खबर उड़ रही है की केजरीवाल की ये नई साजिश है दिल्ली से उत्तेर प्रदेश और बिहार के
मजदूरों को भगा कर बंगलादेशिओ को बसने की | तो चलिए आइये जानते है पूरी सचाई |
राजनीति में आने से पहले ही चर्च और मिशनरियों के यहां काम करने वाले अरविंद केजरीवाल में कोई संदेह नहीं है कि संकट की इस घड़ी में दिल्ली के मजदूरों के साथ यह खिलवाड़ करने में केजरीवाल पीछे नहीं है ऐसा इसलिए कहा जा रहा है तू भी कई सारी बातें ऐसी निकल के आ रही है जिससे इस बात पर संदेह उठ रहा है कि अरविंद केजरीवाल रोहिंग्या को बसाने की कोशिश कर रहे हैं
सरकार ने लोगों को अपने घरों में रहने की सरकार ने लोगों से अपने घरों में रहने की अपील की है पर अचानक से 27 मार्च को दिल्ली में एक अफवाह उड़ाई जाती है कि यूपी और बिहार के लोगों के लिए उनके घर जाने के लिए बस सेवा शुरू की गई है और जिन लोगों को भी अपने घर जाना है मैं आनंद विहार से एवं लाल कुआं से अपनी बस ले सकते हैं
यह बात सुनते ही दिल्ली में रहने वाले लाखों मजदूर अपने अपने घरों से सड़कों पर निकल गए और अपने गांव जाने के लिए दिल्ली के बस अड्डे आनंद विहार बस अड्डे पहुंच गए | आनंद विहार पहुंचने वाले सभी लोग गरीब तबके के लोग थे और दिल्ली मैं मजदूरी करने के लिए आए हुए थे| जब सारे लोग यूपी बॉर्डर पर इकट्ठा हुए | तब वहां पर कोहराम सा मच गया था| क्योंकि वहां पर यूपी के लिए एक भी बस नहीं थी| यह सब लोगो लोगों ने मोदी और योगी दोनों को कोसना शुरू कर दिया|
लेकिन सवाल यह है कि डीटीसी बसें दिल्ली सरकार के कहने पर चलाई जाती हैं| दिल्ली सरकार की बिना मर्जी के एक बस भी नहीं चल सकती| इसके बावजूद व्हाट्सएप पर यह अफवाह फैलाई जा रही है कि दिल्ली सरकार लोगों को अपने घर पहुंचाने के लिए आनंद विहार बस अड्डे तक की सर्विस दे रही है | दिल्ली मैं lockdown होने के बावजूद डीटीसी बसे चलाई जा रही है |
चलो मान लेते हैं कि आनंद विहार लाल को इत्यादि पर बसों की अफवाह केजरीवाल सरकार की पार्टी ने नहीं फैलाई तो डीटीसी बसें किसके कहने पर चली यह साफ होता है कि केजरीवाल दिल्ली से यूपी बिहारी लोगों को खरीदना चाहता है|
केजरीवाल का वह पुराना बयान आपको याद ही होगा उन्होंने कहा था कि "बिहारी ₹500 का टिकट लेकर दिल्ली आ जाता है और यहां 5लाख का इलाज करवा कर चला जाता है "यूपी बिहारियों के प्रति केजरीवाल की नफरत काफी पुरानी है |
और इसके विपरीत में बांग्लादेशियों के पक्ष में काफी बार भी बोल चुके हैं
अब सवाल यह है कि आखिर केजरीवाल दिल्ली से यूपी और बिहार के मजदूरों को क्यों निकालना चाह रहे हैं? क्या यह एक सोची-समझी साजिश है? जिसके तहत बांग्लादेशी मुसलमानों को दिल्ली में बसाया जा रहा है| क्योंकि अगर आज दिल्ली से बिहारी एवं यूपी के मजदूर निकल जाते हैं तो दिल्ली के लोगों के पास काम करवाने के लिए सिर्फ बांग्लादेशी ही एक ऑप्शन होगा और उन्हें मजबूरी में इन लोगों को काम पर रखना पड़ेगा |
और अगर ऐसा है तो केजरीवाल 5lakh लोगो लंगर किसके लिए चलवा है ?
व्हाट्सप्प द्वारा फैलाई गए अफवाह क्या एक साजिश है ? अगर ऐसा नहीं है तो डीटीसी बसे किसके कहने पर चलाई है |
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